प्रशासनिक स्तर से पीड़ित महिला का चल रहा इलाज
गुमला : तमाम मुश्किलों का सामना कर 9 महीने तक कोख में बच्चे को मां पालती है. इस दौरान असहनीय पीड़ा से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन एक मां अपनी तंगहाली, गरीबी और बेबसी के आगे ऐसे मजबूर हो गई कि वो अपने दूधमुंहे बच्चे को महज 5 हजार रुपए में बेच दिया. मामला गुमला के अंबेडकर नगर की है. अंबेडकर नगर की रहने वाली गुड़िया देवी की दास्तां हर किसी को झकझोर कर रख देगा.
Highlights
गुड़िया देवी की दास्तां सुन आप भी हो जाएंगे हैरान
अपने एक माह के नवजात बच्चे को महज 5 हजार रुपए में किसी अपरिचित के हाथों बेचने को बाध्य गुड़िया देवी के दो अन्य बच्चे खुशबू कुमारी (12 वर्ष) व आकाश कुमार (8 वर्ष) पटना में बिहटा के ईंट भट्ठे में कैद है. वहीं 3 साल की एक बच्ची दिवाली कुमारी स्वयं उसके साथ है. गुड़िया देवी के पहले पति की मौत हो चुकी है. उससे उसके दो बच्चे हैं. वहीं उसने दूसरी शादी सिमडेगा के बंगरु निवासी बजरंग साहू से की, जो फिलहाल कबाड़ का काम करता है. गुड़िया देवी को दूसरे पति से भी दो संतान है. हालांकि उसका पति भी फिलहाल उसके साथ नहीं रहता है. बेघर गुड़िया देवी टीबी रोग से ग्रसित है. उसने अपने साथ रह रही 3 साल की बेटी दिवाली कुमारी को भी बेचने की कोशिश की पर लोगों के समझाने बुझाने के बाद उसने मन बदल दिया. बेघर होकर भुखमरी से जूझते हुए जैसे तैसे जीवन यापन को बाध्य गुड़िया देवी की करूण कहानी से अवगत होने के बाद मंत्री चंपई सोरेन ने उसकी मदद के वास्ते जिला प्रशासन को निर्देश दिए.
एसडीओ व अन्य अधिकारियों ने की मुलाकात
जिला प्रशासन की पहल पर सदर एसडीओ व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने अंबेडकर नगर पहुंचकर गुड़िया देवी से मुलाकात की. गुड़िया देवी के अत्यंत नाजुक स्वास्थ्य को देखते हुए कुपोषण व अन्य बीमारियों की आशंका के मद्देनजर एसडीओ ने जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. केके मिश्रा से बातकर उसके इलाज की व्यवस्था करायी. डॉ. केके मिश्रा ने तत्काल अपनी टीम के माध्यम से गुड़िया देवी की जांच पड़ताल व समुचित इलाज का प्रबंध किया. डॉ मिश्रा के मुताबिक गुड़िया देवी टीबी सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित है. उसे बेहतर इलाज मुहैय्या करायी जा रही है. वहीं एसडीओ रवि आनंद ने बताया कि गुड़िया देवी के दो अन्य बच्चों जो बिहार के पटना के बिहटा स्थित किसी ईंट भट्ठे में कार्यरत हैं, उनकी वापसी के लिए प्रशासनिक स्तर से आवश्यक पहल की जा रही है. साथ ही जिस दूधमुँहे बच्चे को 5 हज़ार रुपए में गुड़िया देवी के पति ने बेच दिया उसके संबंध में भी प्रशासन अपनी ओर से पता लगा कर उसके वापसी की कोशिशों में जुटा है. बहरहाल तमाम लोक कल्याणकारी योजनाओं और प्रशासनिक दावों के बीच दूधमुँहे बच्चे के बिक्री और मां की बेबसी से जुड़ी ये दास्तां दावों और वायदों के हकीकत की पोल खोल रही है.
रिपोर्ट: रणधीर निधि