Palamu-09 जून 2015 को बकोरिया के भलवही घाटी में कथित तौर पर मारे गए 12 नक्सलियों के मामले में सीबीआई ने अपनी जांच को रफ्तार दिया है, सीबीआई की स्पेशल टीम इस कथित हत्याकांड की जांच के लिए पलामू में कैंप कर रही है. अगले दो दिनों में और भी कई अधिकारियों का पलामू पहुंचने की संभावना है.
बताया जा रहा कि सीबीआई ने मामले में 70 फीसदी जांच को पूरा कर लिया है. जल्द ही ग्रामीणों से भी पूछताछ मामले की जमीनी सच्चाई प्राप्त की जाएगी.
बता दें कि 09 जून 2015 को बकोरिया के भलवही में पुलिस ने 12 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था. मृतकों में नक्सलियों का टॉप कंमाडर आर के उर्फ अनुराग और उसके बेटे का मारे जाने का दावा किया गया था, इस पुलिसिया कार्रवाई में चार नाबालिक के साथ ही एक पारा शिक्षक भी मारा गया था.
लेकिन घटना के बाद पुलिसिया दावे पर सवाल उठने लगे थें, फर्जी इंकाउटर बताते हुए मामले की जांच की मांग की जाने लगी थी. मामला मीडिया में उछलने के बाद इस मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया. लेकिन सीआईडी की धीमी रफ्तार से तंग आकर होई कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
2018 से इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई की ओर से करीबन 500 लोगों से पूछताछ की गयी है. तत्कालीन डीजी, पलामी रेंज के डीआईजी, एसपी, एसपी अभियान, सीआरपीएफ और कोबरा कमांडेट से दुबारा पूछताछ की जा चुकी है. इस बीच बकोरिया मुठभेड़ में एफआईआर दर्ज करवाने वाले दरोगा मोहम्मद रुस्तम ने सीबीआई के सामने अपना बयान बदल लिया है.
मृतक उदय यादव और नीरज यादव के रिश्तेदार जवाहर यादव पांच वर्षों से इसकी लड़ाई लड़ रहे है, जवाहर यादव का दावा फर्जी मुठभेड़ कर नक्सलियों के नाम पर आम निर्दोष ग्रामीणों की हत्या किए जाने की है.
रिपोर्ट- संजीत
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