पटना : बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सिंचाई भवन सभागार में बुधवार को आयोजित विशेष कार्य में विभाग द्वारा तैयार छह नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि एसओपी के अनुरुप काम होने से बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ नहर सिंचाई से संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन और तेज गति से हो सकेगा। एसओपी के जरिए जल संसाधन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्णय लेने में अधिक सक्षम बनाया गया है। इससे विभिन्न स्तर पर स्वीकृति प्राप्त करने की विभागीय प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा। एसओपी के अनुपालन से नदियों व नहरों पर स्थित पुल-पुलिया ने नियमित रखरखाव के साथ-साथ विभागीय कार्यालयों, आवासीय एवं निरीक्षण भवनों में सुविधाओं का उन्नयन एवं बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
उन्होंने निर्देश दिया कि विभागीय कार्यों में एसओपी का अनुपालन सुनिश्चिति करने के लिए वरीय अधिकारी इसकी नियमित मॉनीटरिंग करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर सचिव चैतन्य प्रसाद ने की। इस दौरान विभागीय मुख्यालय के सभी वरीय अधिकारी मौजूद थे। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि साल 2013 में जब वे इस विभाग के मंत्री थे। विभाग द्वारा बाढ़ प्रबंधन हेतु मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई थी। जिसमें बाढ़ रूपी आपदा से त्वरित गति से निपटने के विभिन्न पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया था। इससे बाढ़ एवं कटाव से सुरक्षा और खतरों से तत्परता से निपटने में काफी मदद मिल रही है। इस एसओपी की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई थी।
यह भी देखें :
अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि समय के साथ इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि विभाग के अन्य कार्यों के लिए भी विस्तृत एसओपी तैयार की जाए। इसी के मद्देनजर जल संसाधन विभाग के मंत्री के मार्गदर्शन में छह नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है, जिसका आज मंत्री विमोचन किया जा रहा है। विभाग द्वारा भू-अर्जन सहित कुछ अन्य कार्यों के लिए भी एसओपी का निर्माण प्रक्रियाधीन है।
यह भी पढ़े : Breaking : बिहार में 25 IAS अधिकारियों का हुआ तबादला
अविनाश सिंह की रिपोर्ट