पारस हेल्थकेयर में पार्किंसंस के रोगियों के लिए खुल रहा है “मूवमेंट डिसऑर्डर क्लिनिक”

रांचीः पारस हेल्थकेयर के न्यूरोलॉजी विभाग में डिस्टोनिया/पार्किंसन के मरीजों का सफल इलाज किया जाता रहा है. इलाज के बाद मरीजों में बेहतर सुधार पाया गया है. जिसके बाद अब पार्किंसंस के रोगियों के लिए MOVEMENT DISORDERS CLINIC शुरू करने का निर्णय लिया है. मंगलवार यानी 15 अगस्त से पारस हेल्थकेयर के परिसर में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ संजीव कुमार शर्मा की देखरेख में “मूवमेंट डिसऑर्डर क्लिनिक” शुरू हो रहा है.

मूवमेंट डिसऑर्डर के लिए विशेष रूप से तैयार उपचार की होती है जरूरत

डॉ संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि मूवमेंट डिसऑर्डर दो तरह के होते हैं. हाइपोकाईनेसिया और हाईपरकाईनेसिया. हाइपोकाईनेसिया में मरीज अपनी इच्छा अनुसार हाथ या पैर को गति नहीं दे पाता है. वहीं हाईपरकाईनेसिया में मरीज का शरीर अत्यधिक गतिशील हो जाता है, मरीज का हाथ, पैर या शरीर का अन्य भाग अपने आप तेजी से कांपने लगता है. डॉ संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि मूवमेंट डिसऑर्डर के लिए विशेष रूप से तैयार उपचार और प्रबंधन की जरूरत होती है. मूवमेंट डिसऑर्डर से संबंधी कई बीमारियां होती है, जैसे- डिस्टोनिया, कोरिया, गतिभंग, कंपकंपी, मायोक्लोनस, टिक्स, टॉरेट सिंड्रोम, रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम, स्टिफ पर्सन सिंड्रोम, चलते हुए लड़खड़ाना और विल्सन रोग.

मरीजों को इलाज की दी जाएगी सर्वोत्तम सुविधा

पारस हेल्थकेयर के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश ने बताया की मूवमेंट डिसऑर्डर क्लिनिक मेंं मरीजों को सर्वोत्तम और उच्च दर्जे के इलाज की सुविधा दी जाएगी. इस क्लिनिक में पार्किंसन/डिस्टोनिया के मरीजों का ही इलाज होगा. मूवमेंट डिसऑर्डर के मरीजों को यहां उचित इलाज मिलने से बीमारी काफी हद तक कम किया जा सकेगा. पारस हेल्थकेयर की टीम ने इस बीमारी के शिकार कई रोगियों को उचित दवा, बोटोक्स इंजेक्शन और फिजियोथेरेपी के माध्यम से एक सामान्य जिंदगी देने में सफलता पाई है.

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