रिटायर्ड होमगार्ड के जवान की शव को मुखाग्नि के लिए 24 घंटे करना पड़ा इंतजार
भतीजा और दत्तक पुत्र दोनों ने मिलकर मुखाग्नि दी
बाढ़ : पटना जिला के पंडारक प्रखंड अंतर्गत लेमुआ बाद पंचायत के बमपुर गांव से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। जहां रिटायर्ड होमगार्ड जवान के शव पर जमकर सियासत हुई, फिर मुखाग्नि के वक्त महाभारत। सियासत और महाभारत के बीच रिटायर्ड होमगार्ड के जवान की शव को मुखाग्नि के लिए 24 घंटे इंतजार तो करना पड़ा ही। साथ ही कर्ण और कुंती के किस्से भी दोहराई गई।
बता दें कि अच्छी-खासी प्रॉपर्टी के मालिक निरूसंतान बमपुर गांव निवासी रिटायर्ड होमगार्ड जवान उमेश यादव की लाइलाज बीमारी की वजह से मृत्यु हो गई। मुखाग्नि देने की बात आई तो गांव में उनके भाई ने सियासत करना शुरू कर दिया। सियासत इस बात पर शुरू हुई कि मुखाग्नि मृतक का भतीजा देगा। जो मृतक के पत्नी कुंती देवी को नागवार गुजरा। क्योंकि कुंती देवी और मृतक उमेश यादव द्वारा पहले ही कुंती देवी के बहन के पुत्र सुजीत कुमार को गोद लिया जा चुका था। जिसके आधार कार्ड से लेकर सारे सर्टिफिकेट में पिता के नाम की जगह उमेश यादव अंकित है।
ग्रामीणों का भी यही मत था कि मुखाग्नि का कार्य दत्तक पुत्र सुजीत कुमार के हाथों ही संपन्न होनी चाहिए। लेकिन पंचायत चुनाव की आहट ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया गया। घंटों मशक्कत के बाद मुखिया प्रतिनिधि और कुछ ग्रामीणों ने मिलकर निर्णय लिया कि मुखाग्नि पर होने वाली इस महाभारत को रोकने का एक ही तरीका है कि एक ही शव को दो व्यक्ति मुखाग्नि देगा, और हुआ भी ऐसा ही। भतीजा और दत्तक पुत्र दोनों ने मिलकर मुखाग्नि दी। इसी के साथ कुंती और कर्ण के किस्से भी समाप्त हो गए।
रिपोर्ट : अनिल कुमार