Jharkhand Assembly: बीजेपी के चारों विधायकों का निलंबन वापस

रांची : बीजेपी के चारों निलंबित विधायकों का निलंबन वापस हो गया है.

विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने बीजेपी के निलंबित भानुप्रताप शाही, ढुल्लू महतो,

जयप्रकाश भाई पटेल और रणधीर सिंह का निलंबन वापस लिया.

जिसके बाद सभी चारों विधायकों को सदन में बुलाने के लिए जेएमएम विधायक दीपक बिरुआ

और कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला को नामित किया गया.

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने

निलंबित विधायकों का निलंबन वापस सदन में लाने की अनुमति विधानसभा अध्यक्ष से मांगी.

विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी के चारों विधायकों को निलंबन वापस किया.

जेएमएम विधायक मथुरा प्रसाद के सवाल पर मंत्री ने दिया ये जवाब

प्रश्नकाल के दौरान जेएमएम विधायक मथुरा प्रसाद ने पूछा कि पिछले 10 वर्षों से लेबर कॉपरेटिव को सभी सरकारी संस्थाओं में ठेका कार्य करने हेतु दिशा निर्देश दिया जाय, इस पर मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि बहुत जल्द इसकी जानकारी दे दी जायेगी. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट मथुरा प्रसाद ने कहा कि हमें एक निश्चित समय दिया जाय. मंत्री ने कहा कि जल्द फैसला लिया जाएगा.

बीजेपी विधायकों निलंबन वापस : गो हत्या के विरोध में वेल में उतरे बीजेपी विधायक

बीजेपी विधायक बिरंचि नारायण और अनंत ओझा ने सदन में गो हत्या को रोकने और दरोगा संध्या टोपनो की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. गो हत्या के विरोध में बीजेपी विधायक वेल में उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. बीजेपी विद्यायकों के हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12.50 बजे तक के लिए स्थगित किया गया.

बहुत जल्द होगी सिंचाई की व्यवस्था- मंत्री मिथलेश ठाकुर

कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने सदन में मामला उठाया कि अभी लगभग 41 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य है, जहां सिंचाई की व्यवस्था है. लेकिन बांकी भूमि की सिंचाई के लिए क्या व्यव्यस्था की जा रही है. इस पर मंत्री मिथलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार लगातार सिंचाई की व्यवस्था करने में जुटी हुई है. और बहुत जल्द 70 प्रतिशत भूमि की सिंचाई की व्यवस्था कर ली जाएगी. शेष बचे 30 प्रतिशत भूमि की सिंचाई के लिए भी प्रयास किया जाएगा.

सरकार के जवाब को गलत बताते हुए कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि अगर 41 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि की सिंचाई की व्यवस्था है तो फिर 41 प्रतिशत भूमि पर तो खेती होनी चाहिए. ऐसे में इस वर्ष अकाल तो नहीं होता. ये सरकार का जवाब बिल्कुल गलत है और सिर्फ कागजी है.

रिपोर्ट: मदन सिंह

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