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1932 का खतियान की बात करने वालों ने किसी खतियानी को जेपीएससी का चेयरमैन क्यों नहीं बनाया- सीपी सिंह

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1932 का खतियान की बात करने वालों की सरकार में जेपीएससी का चेयरमैन खतियानी क्यों?

Ranchi-भाजपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह ने विधान सभा में बजट पर बोलते हुए सरकार पर जोरदार हमला बोला है, सीपी सिंह ने कहा कि यह अबुआ दिशोम अबुआ राज नहीं बल्कि अबुआ दिशोम बबुआ राज है.

मोरहाबादी मैदान में एक दुकानदार के पिता के द्वारा फांसी लगाने के सवाल पर कहा कि वह वीआईपी इलाका, सभी अधिकारी इसी इलाके में रहते हैं, लेकिन यह एरिया भी सुरक्षित नहीं रहा.

दिन दहाड़े गोली चलाई जा रही, अपराधियों का तांडव मचा है. लेकिन इसकी सजा दुकानदारों को दिया जा रही है, उनके दुकान बंद करवा दिए गए, आर्थिक तंगी के कारण दुकानदार ने आत्महत्या कर ली.

सरकार 1932 के खतियान की बात करती है, लेकिन जेपीएससी का चेयरमैन तो 1932 का खतियानी नहीं है.राज्य में बालू का अवैध उत्खनन, ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल चल रहा है. लूट, हत्या, अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है.

कोरोना काल में तबाही मची थी, लेकिन सरकार इस पर कंट्रोल करने में विफल रही. सरकार पूरी तरह युवा विरोधी सरकार है. सरकार का दावा पांच लाख का नौकरी देने का था, लेकिन कहां है नौकरी.

युवा मुख्यमंत्री अपने 26 माह में एक नियोजन नीति नहीं बना सके. विधान सभा में नमाज कक्ष का आवंटन कर सरकार तुष्टिकरण की प्रकाष्ठा कर रही है.

सरकार पत्थलगढ़ी के मामले को वापस ले रही है, हिंदी को हटाकर उर्दू को शामिल किया जा रहा है. एक समुदाय विशेष के द्वारा स्व घोषित हलफनामा देकर जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है.

आदिवासियों के नाम पर सिर्फ राजनीति की जा रही है,आदिवासियों की जमीन की सबसे अधिक किसने की सरकार को इसकी लिस्ट जारी करनी चाहिए. 82 विद्यायकों जमीन की लूट की है. अपने 26 महीने के कार्यकाल में सरकार नाकाम रही है.

रिपोर्ट- मदन 

 

किसके संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध कोयले का कारोबार

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किसके संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध कोयले का कारोबार

चतरा : किसके संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध कोयले का कारोबार- चतरा के

कोल नगरी टंडवा में इन दिनों अवैध कोयले के कारोबार काफी फल-फूल रहा है.

कोयला तस्करों के द्वारा अवैध कोयला चोरी तथा वन भूमि से उत्खनन कर

कोयले की तस्करी की जा रही है.

इसकी बानगी टंडवा वन क्षेत्र के सुइयाटांड़ तथा

सिदपा के जंगलों में वन विभाग के अधिकारियों को देखने को मिली है.

सुइयाटांड़ तथा सिदपा के जंगल में अवैध कोयला उत्खनन करने की पूर्ण तैयारी तस्करों के द्वारा कर ली गई थी. जानकारी मिलते ही टंडवा वन क्षेत्र पदाधिकारी मुक्ति प्रकाश पन्ना ने दलबल के साथ मौके पर पहुंचे, और कोयला तस्करों के योजना पर पानी फेर दिया है. सुइयाटांड़ तथा सिदपा के जंगलों में कई जगहों पर अवैध खनन के उद्देश्य से खदान निर्मित किया गया था. टीम गठित कर उक्त स्थानों पर छापेमारी किया गया.

वन विभाग की कार्रवाई से तस्करों में हड़कंप

वन कर्मियों तथा वन क्षेत्र पदाधिकारी को देखकर अवैध उत्खनन में शामिल कोयला तस्कर व माफिया भाग निकले. जिसके बाद रेंजर प्रकाश पन्ना ने जेसीबी के सहयोग से अवैध खदान को ध्वस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में वन भूमि तथा जंगलों से अवैध कोयला उत्खनन बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस कार्य में शामिल लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. वन विभाग के द्वारा लगातार अवैध उत्खनन पर कार्रवाई की जा रही है. वन विभाग की कार्रवाई से कोयला तस्करों में हड़कंप मच गया है.

रिपोर्ट: सोनु भारती

दूसरों को सुरक्षा देने वाले खुद असुरक्षित

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दूसरों को सुरक्षा देने वाले खुद असुरक्षित

हजारीबाग : दूसरों को सुरक्षा देने वाले खुद असुरक्षित- हजारीबाग के

कई थाना भवन इतने जर्जर हैं कि उसमें पुलिस असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

इस पर विभाग को सोचना चाहिए.

पुलिस को सही से काम करने के लिए उचित संसाधनों की जरूरत पड़ती है,

उसमें भवन भी शुमार है. हजारीबाग के कई थाना भवन पुलिस को बेहतर कार्य करने में परेशानी हो रही है.

आज अगर आम जनमानस सुरक्षित महसूस करते हैं तो वो है पुलिस. लेकिन हजारीबाग में इन दिनों कटकमदाग, चलकुसा एवं चरही में नए थाने बने हैं. यहां अब तक पुराने जर्जर भवन या किसी तरह से सेड तैयार कर थाना चलाए जा रहे थे. इसके साथ ही शहर के बीच लोहसिंहना, कोरा एवं बड़ा बाजार थाना भवन भी काफी जर्जर है. यहां पुलिस कर्मी किसी तरह काम कर रहे हैं.

डीजीपी को लिखा पत्र

इन सारी बातों की जानकारी देते हुए भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता डॉ देवेंद्र सिंह देव ने झारखंड के डीजीपी को पत्र भेजा और उन्हें इस पर संज्ञान लेने की गुहार लगाई. इस पर झारखंड के डीजीपी ने संज्ञान लेते हुए हजारीबाग पुलिस अधीक्षक को कुछ निर्देश दिए हैं जिस पर कार्रवाई होने की बात चल रही है.

जल्द बनेगा नया थाना- एसपी

हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने इस संबंध में बताया कि उनके द्वारा मुफ्फसिल एवं विभिन्न थाने के लिए भूमि चिन्हित कर भेज दिया गया है. जल्द ही उस पर कार्य किए जाएंगे. वहीं कोर्रा, बड़ा बाजार एवं लोहसिंहना थाना चौकी शहरी क्षेत्र में जमीन की काफी किल्लत है, लेकिन मैं जल्द ही सभी थाना भवनों पर बेहतर कार्य करवाने की कोशिश करूंगा. जल्द से जल्द जमीन भी चिन्हित करके सरकार को अर्जी दूंगा.

रिपोर्ट: आशीष

सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को लोबिन हेम्ब्रम ने दिखाया आईना, कहा वक्त किसी का इंतजार नहीं करता

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Ranchi– जेएमएम लोबिन हेम्ब्रम ने विधान सभा में भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा ने झारखंड में 20 वर्षों तक राज किया, उसके बाद भी राज्य के गरीबों को घर तक नसीब नहीं हुआ.

लेकिन इसके साथ ही लोबिन हेम्ब्रम सरकार की कमियों की ओर भी इशारा करने से नहीं चुके.

लोबिन हेम्ब्रम ने आदिवासी-मूलवासियों की जमीन के लूट का मामला उठाते हुए कहा कि पूरे राज्य में सीएनटी

और एसपीटी एक्ट का उल्लघंन किया जा रहा है. आदिवासी-मूलवासियों की जमीनों की लूट मची है. सरकार का अपने

अधिकारियों पर कमांड नहीं है,  राजधानी रांची में बीआईटी मेसरा के द्वारा आदिवासी मूलवासियों की जमीन लूटी जा रही है.

सरकार स्थानीय नीति लागू करने की बात करती है, लेकिन इसे कब तक लाया जाएगा.

इसकी  कोई समय सीमा तय नहीं की जा रही है, सरकार को इसकी कोई डेड लाइन तय करनी चाहिए.

भाषा विवाद में पूरा राज जल रहा है, इसकी जिम्मेवारी किस पर है.

अपने ही राज्य से आदिवासी-मूलवासियों को उजड़ा जा रहा है, खत्म हो जाएगा ट्राइबल राज्य 

आदिवासी अपने ही राज से उजड़ रहे है, पहाड़ उजाड़े जा रहे हैं. पत्थर का अवैध उत्खनन हो रहा है.

गांव से युवाओं का पलायन हो रहा है. किसान बदहाल हैं, भाजपा के राज में संसाधनों की लूट की जो शुरुआत की

गयी वह आज भी बदस्तुर जारी है, इस पर विराम कब लगेगा.

मुख्यमंत्री को तत्काल इन सभी मुद्दों पर काम  करना चाहिए, नहीं तो यह ट्राइबल राज्य खत्म हो जाएगा.

करोड़ों का बजट पर नहीं आया हमारी जिंदगी में कोई बदलाव 

आज हालात यह है कि हर सरकारी कार्यालय में भष्ट्राचार फैला है, करोड़ों करोड़ का बजट बनाया जाता है,

लेकिन जंगल में रहने वालों की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया.

पैसा कहां जा रहा है, कौन खा रहा है. विस्थापन आयोग कब बनेगा, 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति का सवाल है,

इस पर सरकार को जल्द से जल्द  निर्णय लेने की जरुरत है. समय किसी की नहीं होता हमें इसे कभी भी नहीं भूलना चाहिए.

समय किसी की इंतजार नहीं करता, जल्द से जल्द पूरा करना होगा हर काम  

जेएमएम लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सम्मान करता हूँ, हेमंत संघर्ष की उपज है, संघर्ष से निकले योद्धा है,

काफी संघर्ष के बाद सत्ता में आए हैं, लेकिन हमारे पास समय की कमी है, समय किसी का नहीं होता,

हमें वक्त रहते सभी मुद्दों पर निर्णय लेना होगा. पेसा एक्ट का भी सवाल है, आखिर यह कब तक लागू होगा,

हमें जल्द से जल्द सभी मामलों का समाधान करना ही होगा, वक्त किसी की इंतजार नहीं करता.

लेकिन हालत यह बन रहा है कि विधायका पर कार्यपालिका हावी है, लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री मौजूद

नहीं हैं, हम सच बोलते हैं लेकिन कुछ लोग गुर्रा कर देख रहे हैं.

यहां के नवयुवकों को थर्ड ओर फोर्थ ग्रेड में नॉकरी मिले इसके लिए जल्द से जल्द स्थानीय नीति लागू हो.

रिपोर्ट- मदन 

पहले भी बन चुका है तीसरा मोर्चा, भाजपा की सेहत पर नहीं पड़ता कोई असर- बाबूलाल मरांडी

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पहले भी बन चुका है तीसरा मोर्चा, भाजपा की सेहत पर नहीं पड़ता कोई असर- बाबूलाल मरांडी

Ranchi– तेलांगना के मुख्यमंत्री के.चन्द्रशेखर के झारखंड आगमन पर भाजपा  नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कहा है कि भाजपा को तीसरा मोर्चा बनाने से कोई असर नहीं पड़ता.

वैसे हर कोई मोर्चा बनाने को स्वतंत्र है, इसके पहले भी कई  मोर्चों का गठन हो चुका है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करते हुए के. चन्द्रशेखर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करते हुए के. चन्द्रशेखर

बता दें  कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर के.चन्द्रशेखर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं से मुलाकात कर रहें हैं,

इसी क्रम में आज के.चन्द्रशेखर राजधानी ने रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की है.

कल ही 23 तुगलक रोड पर उनकी कई नेताओं से मुलाकात हुई थी, उसके पहले के.चन्द्रशेखर ने तमिलनाडु

के मुख्यमंत्री स्टालिन से भी मुलाकात की थी.

इनकी कोशिश तीसरे मोर्चे की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करने की है.

इस पद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी उछाला जा रहा है.

वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से इनकार करते हुए स्पष्ट कर दिया है था कि

उनसे इस प्रकार की कोई चर्चा नहीं हुई है, न ही वह इस बारे में कुछ भी जानते है.

बताया जा रहा है कि इस पूरी कवायद के पीछे प्रशांत किशोर की भूमिका है, पर्दे के पीछे प्रशांत किशोर तीसरे

मोर्चे की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार

21 वर्षों के बाद बाबूलाल मरांडी ने लगाई उत्तरवाहिनी गंगा में आस्था की डुबकी

सदन में उठा 27 प्रतिशत OBC आरक्षण मामला, वेल में उतरे बीजेपी विधायक

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सदन में उठा 27 प्रतिशत OBC आरक्षण मामला, वेल में उतरे बीजेपी विधायक

रांची : सदन में उठा 27 प्रतिशत OBC आरक्षण मामला, वेल में उतरे बीजेपी विधायक- झारखंड

विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों के द्वारा 27 प्रतिशत ओबीसी

(OBC) आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया.

साथ ही आजसू विधायक लंबोदर महतो ने 1932 आधारित स्थानीय नीति और

नियोजन नीति की मांग को लेकर धरने पर बैठे.

बीजेपी विद्यायकों ने पंचायत चुनाव से पहले पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की मांग की.

पंचायत सचिव अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध

वहीं पंचायत सचिव अभ्यर्थियों पर कल हुए लाठीचार्ज का भी विरोध किया और

कहा कि ये लाठी और गोली की सरकार है,

सरकार 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा करके अपने वादे से मुकर गई और अब रोजगार की मांग करने पर लाठी दी जा रही है. शून्य काल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने पंचायत सचिव के सफल अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज और राजभवन के समीप भाषा संघर्ष समिति के अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का मामला उठाया.

ओबीसी आरक्षण पर बीजेपी कर रही राजनीति- बन्ना गुप्ता

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बीजेपी विधायकों के द्वारा पिछड़ों को आरक्षण को लेकर विरोध करने पर कहा की इनके समय नहीं बाबूलाल मरांडी ने पिछड़ों को आरक्षण कम कर दिया था और आज बीजेपी राजनीति कर रही है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि पिछड़ों को आरक्षण मिले इसके लिए हम अपने सरकार से मांग करेंगे. क्योंकि टीचरों के हक के लिए हम हमेशा आवाज उठाते रहे हैं.

वेल में उतरकर बीजेपी विधायक ने किया प्रदर्शन

वहीं विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पिछड़ों को आरक्षण की मांग को लेकर बीजेपी विधायक वेल में उतरकर प्रदर्शन करने लगे. माले विधायक विनोद सिंह ने राज्य में पिछले दो वर्ष में सबसे कम नियुक्ति होने का मामला उठाया. इस पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि हमने दो वर्ष में 16 हजार लोगों को नौकरी दी है. विपक्ष के हंगामा को देखते हुए सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इसके बाद फिर से विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही वैसे ही पिछड़ों को आरक्षण की मांग को लेकर फिर से वेल में उतरकर बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों को शांत कराया.

सदन में उठा पोषण सखी के मानदेय का मामला

माले विधायक विनोद सिंह ने पोषण सखी के मानदेय और इनको जारी करने का मामला उठाया. इस पर मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि जल्द ही इनके 11 माह के बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा. अनुपूरक बजट के माध्यम से पैसे उपलब्ध करवाए गए हैं. मानदेय जारी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले समीक्षा होगी फिर इस विषय पर निर्णय लिया जाएगा.

सरयू राय ने पोषण सखी के मामले को बताया महत्वपूर्ण विषय

पोषण सखी को लेकर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्य के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण विषय है. सरकार को इस विषय पर जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए. वहीं सुदेश महतो, प्रदीप यादव और दीपिका पांडेय ने भी इस विषय को महत्वपूर्ण बताया. और कहा कि 6 जिलों में पोषण सखियों का मानदेय जारी रखने का मांग किया. इसके बाद मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि पूरे राज्य का आकलन कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा.

रिपोर्ट : मदन सिंह

सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

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रांची : सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई.

झारखंड हाई कोर्ट में एसएन पाठक की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में

प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया और जेपीएससी की ओर से की जा रही नियुक्ति को सही ठहराया है.

इस मामले में जेपीएससी ने नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करते हुए सरकार को नियुक्ति की अनुशंसा भेज दी है.

इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार के उस आदेश को भी खारिज कर दिया.

जिसमें नगर विकास की ओर से सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति की अनुशंसा को वापस लेने का निर्णय लिया गया था.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जब यह मामला कोर्ट में लंबित है तो सरकार इस तरह का निर्णय कैसे ले सकती है.

अदालत ने नगर विकास के उक्त आदेश को निरस्त कर दिया. मामले में स्वप्निल मयूरेश की ओर से

याचिका दाखिल कर कहा गया था कि जेपीएससी की ओर से की गई नियुक्ति में गड़बड़ी

है इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द किया जाए.

रिपोर्ट: प्रोजेश दास

तकनीकी पेंच में फंसा लालू की जमानत

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लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई, जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा

रांची : लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई, जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा- चारा घोटाला

मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने कहा कि,

इस याचिका में कुछ त्रुटियां हैं. जिन्हें दूर किया जाए.

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने सोमवार तक उन त्रुटियों में सुधार करने का भरोसा दिलाया है.

मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.

बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला

मामले में 5 साल की सजा और 60 लाख जुर्माना लगाया है.

डोरंडा कोषागार मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा मिली है और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया है.

लालू समेत सभी 38 अभियुक्तों को सजा मिली है.

सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने 21 फरवरी को लालू समेत सभी अभियुक्तों को सजा सुनाई है. न्यायाधीश एसके शशि बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार तथा रिम्स से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनाई है.

गौरतलब है कि 38 में से दो अभियुक्त लालू प्रसाद यादव तथा डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद रिम्स में भर्ती हैं. वहीं 36 अभियुक्त बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में हैं. लालू प्रसाद तथा डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था रिम्स से की गयी, जबकि 36 अभियुक्तों की पेशी होटवार जेल से की गयी. 15 फरवरी को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुनाया था. रांची के डोरांडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया है. कुल 38 लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया गया है. वहीं तबीयत खराब होने की वजह से लालू प्रसाद यादव रिम्स में एडमिट हैं.

रिपोर्ट: प्रोजेश दास

जेल में मनेगी लालू प्रसाद यादव की होली, जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा

बम विस्फोट से दहला भागलपुर, ग्यारह की मौत, एक दर्जन से अधिक घायल

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बम विस्फोट से दहला भागलपुर, ग्यारह की मौत, एक दर्जन से अधिक घायल

भागलपुर: तातापुर थाना क्षेत्र के काजबली चौक पर एक बिल्डिंग में हुए विस्फोट में 11 लोग की मौत और करीब एक दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. मरने वालों में एक मासूम भी शामिल है.

बताया जा रहा है कि यह घटना देर रात की है, धमाका इतना जोरदार था कि कई अगल बगल के कई  मकान भी जमींदोज हो गए. करीबन एक किलोमीटर तक इसकी गुंज सुनी गई. आसपास के मकानों में लगे खिड़की की कांच सड़क पर विखरे नजर आ रहे हैं.

विस्फोट के कारणों  की जानकारी नहीं  मिल पा रही है, अभी पुलिस अनुसंधान में लगी हुई है.

dhamaka

सरकार शराब खोजने में व्यस्त, अपराधी बेलगाम- लोजपा

भागलपुर में हुए बम विस्फोट मामले पर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रवक्ता ने सरकार पर तंज कसा है. चंदन सिंह ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं.  प्रतिदिन अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही है. लेकिन सरकार  इससे बेखबर शराब ढूंढने में लगी है.

बढ़ गया है अपराधियों का बोलबाला- कांग्रेस

भागलपुर बलास्ट पर कांग्रेसी  एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने  सरकार पर तंज कसके हुए कहा है कि सरकार का दावा कानून के राज है, लेकिन जमीन पर अपराधी बेलगाम हैं.

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Ukraine Russia War : अब इन देशों के ऊपर से नहीं उड़ सकते रूसी विमान

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Ukraine Russia War : अब इन देशों के ऊपर से नहीं उड़ सकते रूसी विमान

Ukraine Russia War : अब इन देशों के ऊपर से नहीं उड़ सकते रूसी विमान- यूक्रेन में

रूस की ओर से किए जा रहे हमले की वजह से तबाही का मंजर है.

यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों में हमला बोलकर रूसी सैनिक सैन्य ठिकानों को तबाह कर रहे हैं.

बड़ी-बड़ी इमारतों और स्कूलों को भी टारगेट किया जा रहा है.

ऐसे में भारी संख्या में लोग हताहत हो रहे हैं.

यूक्रेन पर हमले के बीच रूस पर दुनिया के कई देशों द्वारा लगातार प्रतिबंध भी लगाए जा रहे हैं.

अमेरिका (America) और यूरोपीय सहयोगी रूस के खिलाफ यूक्रेन (Ukraine) पर

हमला करने के लिए लगातार प्रतिबंधों को बढ़ा रहे हैं. रूस को पूरी तरह से अलग-थलग करने की वैश्वक स्तर पर कोशिश की जा रही है. प्रतिबंधों की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था (Russian Economy) को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

प्रतिबंधों से अलग-थलग पड़ा रूस

यूक्रेन में जंग के बीच व्हाइट हाउस ने गुरुवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आंतरिक सर्कल के लोगों के उद्देश्य से अतिरिक्त वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि यह 19 रूसी एलिट क्लास और उनके परिवार के दर्जनों सदस्यों और सहयोगियों पर यात्रा प्रतिबंध लगा रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा है कि व्लादिमीर पुतिन को अंदाजा भी नहीं है कि इन प्रतिबंधों से रूस को कितना नुकसान होगा. पुतिन को जंग के मैदान में बढ़त मिल रही है लेकिन उन्हें वक्त तक इसकी कीमत चुकानी होगी. बैंकिंग और खेल के मैदान से लेकर हवाई क्षेत्र तक प्रतिबंधों के जरिए रूस पर शिकंजा कसा जा रहा है.

38 देशों ने उड़ानों पर लगाए प्रतिबंध

रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के कई इलाकों को निशाना बनाकर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दुनिया के कई देशों ने रूस को सबक सिखाने के लिए उसके हवाई क्षेत्र को बैन कर दिया है. दुनिया के करीब 38 देशों से रूस ने हवाई संपर्क तोड़ लिया है. यूक्रेन में लड़ाई शुरू होने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन समेत दुनिया के 38 देशों ने अपने हवाई क्षेत्र में रूस की विमानों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस फैसले से रूसी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचने वाला है. साथ ही वो दुनिया के कई देशों से कट गया है. इसका सीधा असर रूस के एविएशन डिपार्टमेंट और इससे संबंधित कंपनियों पर पड़ना तय है. दुनिया की कुल एयरलाइंस में रूस का हिस्सा करीब 6 फीसदी माना जाता है.

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