रांची: झारखंड पुलिस के प्रयास से अभी तक 6,29,19,000 रुपये साइबर अपराधियों के हाथों में जाने से बचाया जा सका है. ये वैसे पैसे हैं, जिन्हें आम लोगों से ठगी के बाद साइबर अपराधी एकाउंट से निकाल नहीं सके.
इन पैसों को एकाउंट में ही! पुलिस के अनुरोध पर बैंक द्वारा फ्रीज कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार साइबर अपराध की रोकथाम के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 चालू है.
इसका संचालन सीआइडी मुख्यालय द्वारा किया जाता है. इस हेल्पलाइन नंबर में अभी तक साइबर फ्रॉड संबंधी कुल 15095 शिकायतें की गयी थी.जिसमें 6638 ट्रांजेक्शन से संबंधित मामले में उक्त पैसे रोके गये हैं.
इन मामलों के विश्लेषण के दौरान यह पता चला कि ठगी के बाद जो लोग जल्द से जल्द शिकायत या फोन कर घटना की जानकारी देते हैं, वैसे मामलों में ठगी के पैसे को साइबर अपराधियों के पास जाने से रोकने में आसानी होती है.
लेकिन जो लोग घटना की शिकायत देर से करते हैं, उनके पैसे को होल्ड करने में परेशानी होती है. ऐसे मामलों में तब तक ठगी के पैसे साइबर अपराधी एकाउंट से निकाल चुके होते हैं.
सीआइडी मुख्यालय के गृह विभाग 1 के सहयोग से इस हेल्पलाइन को और सुदृढ़ करने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए वहां संसाधन बढ़ाये जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक संख्या में जब आम लोग कॉल करें, तब कॉल ड्रॉप की समस्या उत्पन्न नहीं हो.