विरोध के कारण सरकार ने लिया वापस
विधानसभा कमेटी करेगी निजी विश्वविद्यालयों की जांच, सीएम ने स्पीकर से सदन की कमेटी बनाने का किया आग्रह
रांची : शीतकालीन सत्र में जैन विश्वविद्यालय विधेयक 2022 को प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सदन के पटल पर रखा, लेकिन त्रुटि को देखते हुए इस विधेयक को वापस ले लिया गया. विरोध के कारण सरकार ने इसे वापस लिया.
Highlights
बता दें कि इस विधेयक का सदन में विधायक विनोद सिंह ने विरोध किया. उन्होंने कहा 2017 में इसी संस्था को एक पॉलिटेक्निक कॉलेज की अनुमति दी गई थी. अब यही संस्था केवल नाम बदलकर जैन विश्वविद्यालय के नाम से संस्था खोलना चाहती है. अनंत ओझा ने कहा जो संस्था पांच साल एक कॉलेज नहीं चला सकी, उसे फिर अनुमति क्यों दी जा रही है. वहीं लंबोदर महतो ने मांग रखी कि 16 निजी विश्वविद्यालय जो पहले से चल रही है उसकी एक कमेटी बनाकर जांच की जाये. इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का मांग किया, लेकिन मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक में कुछ खामियां हैं. इसलिए इसे सरकार वापस लेती है.

जैन विश्वविद्यालय विधेयक: प्रवर समिति को भेजने का दिया प्रस्ताव
इसके बाद सीएम ने अब तक बने सभी निजी विश्वविद्यालय की जांच के लिए स्पीकर से कमेटी बनाने की मांग की. पांच विद्यायकों ने इसमें संसोधन के लिए इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मंत्री ने इस विधेयक को वापस ले लिया.

झारखण्ड आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2022 पारित
झारखण्ड नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2022 को सदन पटल पर रखा. झारखण्ड आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2022 विधानसभा से पारित हुआ. बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय विधेयक 2022, सोना देवी विश्वविद्यालय विधेयक 2022 को प्रभारी मंत्री मिथलेश ठाकुर ने सदन पटल पर रखा
जैन विश्वविद्यालय विधेयक: अमित मंडल ने कह दी बड़ी बात
बीजेपी विधायक अमित मंडल ने कहा कि सरकार को किसी भी विधेयक को पास कराने से पहले चर्चा के दौरान लाये गए सुझाव का पालन करना चाहिए, इस मन से नहीं लाना चाहिए, इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजना ही नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने ही मॉब्लिंचिंग विधेयक का सुझाव दिया था. दो या दो से अधिक व्यक्ति को स्पष्ट करने का सुझाव दिया था, लेकिन नहीं माना गया. और राज्यपाल ने इस विधेयक को वापस कर दिया
सरकार बनाए नियमावली
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए राज्य सरकार एक नियमावली बनाये, ताकि वो सारे नियमों का पालन कर सके. अभी एक कमरे में विश्वविद्यालय चल रहे हैं. बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने भी इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजा जाना चाहिए.
जैन विश्वविद्यालय विधेयक: एक कमरे में चलता है निजी विश्वविद्यालय
मनीष जायसवाल ने कहा पिछले 8 वर्षों में जितने निजी विश्वविद्यालय विधेयक पास हुए हैं उनमें एक भी विश्वविद्यालय नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. सिर्फ एक कमरे में चलता है. कोई भी विश्वविद्यालय बिना अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार किये बगैर शुरुआत नहीं करे. क्योंकि जिला मुख्यालय में इसके लिए कार्यालय अलग होते हैं. इसमें स्थानीय को 75 फीसदी नौकरी भी मिलनी चाहिए.
16 विश्वविद्यालय नहीं कर रहा नियम का पालन
माले विद्यायक विनोद सिंह ने कहा कि अब तक 16 विश्वविद्यालय के विधेयक को सदन ने पास किया, लेकिन कोई भी नियम का पालन नहीं किया. आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के जो उद्देश्य है, वह सही नहीं है. अब तक 16 विश्वविद्यालय नियम कानून का पालन नहीं कर रहा है. इस पर मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि सभी सदस्यों ने माना है कि सकल नामांकन का दर काफी कम है, ऐसे इस विश्वविद्यालय की जरूरत है. यूजीसी के गाइडलाइंस का पालन कर इसे स्थापित किया जाएगा.
रिपोर्ट: मदन सिंह