रांची: झारखंड के चर्चित शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच अब और तेज हो गई है। जांच एजेंसी अब उन सभी प्लेसमेंट एजेंसियों के अफसरों और कर्मचारियों से पूछताछ की तैयारी कर रही है, जो पूर्व प्रधान सचिव और झारखंड राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पूर्व महाप्रबंधक विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में राज्य में सक्रिय रहे हैं।
सोमवार को एसीबी ने गुरुग्राम स्थित प्लेसमेंट एजेंसी एटूजेड इंफ्रा सर्विसेज के सीईओ अमित इंद्रसेन मित्तल, निदेशक दीपाली मित्तल, मनोज तिवारी, अरुण गौड़, रीतू गोयल, परमात्मा सिंह राठौर और प्रतिमा खन्ना को नोटिस भेजकर तलब किया है। इनसे यह जानने की कोशिश की जाएगी कि मई 2022 में इनकी झारखंड में एंट्री कैसे हुई।
गौरतलब है कि मई 2022 से राज्य में नई उत्पाद नीति लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ की चार प्लेसमेंट एजेंसियों—सुमित फैसिलिटीज, इगल हंटर सॉल्यूशंस, एटूजेड इंफ्रा सर्विसेज और मेसर्स प्राइम वन—को झारखंड में काम दिया गया था। अब इन चारों एजेंसियों के जिम्मेदार अधिकारियों को भी एसीबी ने पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है।
इधर, एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के वर्तमान सचिव मनोज कुमार और पूर्व आयुक्त अमित प्रकाश (अब सेवानिवृत्त) को भी नोटिस भेजा है। उनसे भी इसी सप्ताह पूछताछ की संभावना है। एसीबी पूरे नेटवर्क और निर्णय प्रक्रिया की तह तक जाने की तैयारी में जुट गई है।