देवघर में रोपवे हादसा : आसमान और जमीन के बीच फंसी 48 जिंदगियां को बचाने की जंग, अब तक 32 लोग उतारे गए-
Highlights
देवघर में त्रिकूट रोपवे हादसे में एनडीआरएफ और सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
मिली जानकारी के अनुसार रेस्क्यू टीम ने 48 लोगों में से 32 लोगों को रोपवे से उतार लिया गया है.
अभी भी 16 लोग आसमान और जमीन के बीच फंसे हुए हैं.
पिछले 20 घंटे से सुरक्षित बेस कैंप पर लाने की चुनौती का सामना सेना
और एनडीआरएफ की टीम कर रही हैं.
झारखंड के सबसे ऊंचे रोपवे पर हुए हादसे में अभी 48 लोग फंसे हुए हैं.
इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई है. देर रात से ही एनडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया.
इसके बाद मदद के लिए सेना भी बुलाई गई.
दरअसल, रविवार को रामनवमी पर यहां पूजा करने और
घूमने के लिए सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचे थे. रोपवे की एक ट्रॉली नीचे आ रही थी,
जो ऊपर जा रही ट्रॉली से टकरा गई. इस हादसे में ट्रॉली में सवार लोग घायल हो गये.
रेस्क्यू टीम ने एक और बच्ची को ट्राली से नीचे उतार लिया है.
अब तक 32 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. अभी भी 16 लोग फंसे हुए हैं. इस हादसे में अब तक एक महिला की मौत हो चुकी है. रोपवे की ट्रालियों में फंसे एक बच्ची को कई सौ मीटर ऊंचे हवा में लटके ट्राली से रस्सी के सहारे नीचे लाया गया है.
हादसे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जताया दुख
इस हादसे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुख जताते हुए कहा कि युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है. एनडीआरएफ और बचाव दल के द्वारा लोगों को सकुशल निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इसमें विशेषज्ञों की भी सहायता ली जा रही है. इस हादसे पर सरकार की पूरी नजर है. राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सरकार द्वारा लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं.
जांच कराकर दोषियों पर की जायेगी कड़ी कार्रवाई- बन्ना गुप्ता
स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि देवघर रोपवे दुर्घटना पर जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह समय राजनीति का नहीं बल्कि पीड़ितों को सहायता पहुंचाने का है. राज्य सरकार केंद्र सरकार, इंडियन आर्मी और इंडियन एयर फोर्स के मदद से राहत कार्य कर रही है. हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाने की है. NDRF की टीम भी बचाव कार्य में लगी है. घायलों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराया जाएगा.
देर शाम रोपवे में आई खराबी
दरअसल, देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड में त्रिकुट पहाड़ पर झारखंड का सबसे ऊंचा रोपवे है. रोपेवे पर्यटकों को मुख्य चोटी के शीर्ष पर ले जाता है. चढ़ाई पर घने जंगल में प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद की आश्रम है. रामनवमी के मौके पर यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे. रविवार देर शाम 5 बजे अचानक रोपवे में खराबी आ गई. पर्यटकों के मुताबिक, ऊपर से नीचे आ रही एक ट्राली की टक्कर नीचे से ऊपर जा रही ट्राली से हो गई. इसके बाद कई ट्रालियां अपनी जगह से हट गईं और डिस्प्लेस हो गईं. जब यह हादसा हुआ, तब रोपवे की तारों के अलग-अलग हिस्सों पर करीब दो दर्जन ट्रालियां थीं. कुछ ट्रालियों का रेस्क्यू तुरंत कर लिया गया, लेकिन कई काफी ऊंचाई पर फंस गईं.
दो MI-17 हेलिकॉप्टर से सेना कर रही रेस्क्यू
मौके पर तुरंत एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई. एनडीआरएफ की टीम को ऊंचाई की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा. फंसे लोगों तक ड्रोन के जरिए खाना और पानी पहुंचाया जाने लगा. इसके बाद सोमवार सुबह रेस्क्यू की कमान खुद सेना ने संभाली और मौके पर आया सेना का दो MI-17 हेलिकॉप्टर. सेना को भी रेस्क्यू में मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है. दो पहाड़ों के बीच में फंसी ट्रालियां और नीचे हजार फीट की खाई है. ऐसे में सेना के जवान बहुत सूझबूझ के साथ रेस्क्यू चला रहे हैं.
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