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पहले भी बन चुका है तीसरा मोर्चा, भाजपा की सेहत पर नहीं पड़ता कोई असर- बाबूलाल मरांडी

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पहले भी बन चुका है तीसरा मोर्चा, भाजपा की सेहत पर नहीं पड़ता कोई असर- बाबूलाल मरांडी

Ranchi– तेलांगना के मुख्यमंत्री के.चन्द्रशेखर के झारखंड आगमन पर भाजपा  नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कहा है कि भाजपा को तीसरा मोर्चा बनाने से कोई असर नहीं पड़ता.

वैसे हर कोई मोर्चा बनाने को स्वतंत्र है, इसके पहले भी कई  मोर्चों का गठन हो चुका है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करते हुए के. चन्द्रशेखर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करते हुए के. चन्द्रशेखर

बता दें  कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर के.चन्द्रशेखर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं से मुलाकात कर रहें हैं,

इसी क्रम में आज के.चन्द्रशेखर राजधानी ने रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की है.

कल ही 23 तुगलक रोड पर उनकी कई नेताओं से मुलाकात हुई थी, उसके पहले के.चन्द्रशेखर ने तमिलनाडु

के मुख्यमंत्री स्टालिन से भी मुलाकात की थी.

इनकी कोशिश तीसरे मोर्चे की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करने की है.

इस पद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी उछाला जा रहा है.

वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से इनकार करते हुए स्पष्ट कर दिया है था कि

उनसे इस प्रकार की कोई चर्चा नहीं हुई है, न ही वह इस बारे में कुछ भी जानते है.

बताया जा रहा है कि इस पूरी कवायद के पीछे प्रशांत किशोर की भूमिका है, पर्दे के पीछे प्रशांत किशोर तीसरे

मोर्चे की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार

21 वर्षों के बाद बाबूलाल मरांडी ने लगाई उत्तरवाहिनी गंगा में आस्था की डुबकी

सदन में उठा 27 प्रतिशत OBC आरक्षण मामला, वेल में उतरे बीजेपी विधायक

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सदन में उठा 27 प्रतिशत OBC आरक्षण मामला, वेल में उतरे बीजेपी विधायक

रांची : सदन में उठा 27 प्रतिशत OBC आरक्षण मामला, वेल में उतरे बीजेपी विधायक- झारखंड

विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों के द्वारा 27 प्रतिशत ओबीसी

(OBC) आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया.

साथ ही आजसू विधायक लंबोदर महतो ने 1932 आधारित स्थानीय नीति और

नियोजन नीति की मांग को लेकर धरने पर बैठे.

बीजेपी विद्यायकों ने पंचायत चुनाव से पहले पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की मांग की.

पंचायत सचिव अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध

वहीं पंचायत सचिव अभ्यर्थियों पर कल हुए लाठीचार्ज का भी विरोध किया और

कहा कि ये लाठी और गोली की सरकार है,

सरकार 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा करके अपने वादे से मुकर गई और अब रोजगार की मांग करने पर लाठी दी जा रही है. शून्य काल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने पंचायत सचिव के सफल अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज और राजभवन के समीप भाषा संघर्ष समिति के अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का मामला उठाया.

ओबीसी आरक्षण पर बीजेपी कर रही राजनीति- बन्ना गुप्ता

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बीजेपी विधायकों के द्वारा पिछड़ों को आरक्षण को लेकर विरोध करने पर कहा की इनके समय नहीं बाबूलाल मरांडी ने पिछड़ों को आरक्षण कम कर दिया था और आज बीजेपी राजनीति कर रही है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि पिछड़ों को आरक्षण मिले इसके लिए हम अपने सरकार से मांग करेंगे. क्योंकि टीचरों के हक के लिए हम हमेशा आवाज उठाते रहे हैं.

वेल में उतरकर बीजेपी विधायक ने किया प्रदर्शन

वहीं विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पिछड़ों को आरक्षण की मांग को लेकर बीजेपी विधायक वेल में उतरकर प्रदर्शन करने लगे. माले विधायक विनोद सिंह ने राज्य में पिछले दो वर्ष में सबसे कम नियुक्ति होने का मामला उठाया. इस पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि हमने दो वर्ष में 16 हजार लोगों को नौकरी दी है. विपक्ष के हंगामा को देखते हुए सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इसके बाद फिर से विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही वैसे ही पिछड़ों को आरक्षण की मांग को लेकर फिर से वेल में उतरकर बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों को शांत कराया.

सदन में उठा पोषण सखी के मानदेय का मामला

माले विधायक विनोद सिंह ने पोषण सखी के मानदेय और इनको जारी करने का मामला उठाया. इस पर मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि जल्द ही इनके 11 माह के बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा. अनुपूरक बजट के माध्यम से पैसे उपलब्ध करवाए गए हैं. मानदेय जारी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले समीक्षा होगी फिर इस विषय पर निर्णय लिया जाएगा.

सरयू राय ने पोषण सखी के मामले को बताया महत्वपूर्ण विषय

पोषण सखी को लेकर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्य के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण विषय है. सरकार को इस विषय पर जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए. वहीं सुदेश महतो, प्रदीप यादव और दीपिका पांडेय ने भी इस विषय को महत्वपूर्ण बताया. और कहा कि 6 जिलों में पोषण सखियों का मानदेय जारी रखने का मांग किया. इसके बाद मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि पूरे राज्य का आकलन कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा.

रिपोर्ट : मदन सिंह

सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

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रांची : सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई.

झारखंड हाई कोर्ट में एसएन पाठक की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में

प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया और जेपीएससी की ओर से की जा रही नियुक्ति को सही ठहराया है.

इस मामले में जेपीएससी ने नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करते हुए सरकार को नियुक्ति की अनुशंसा भेज दी है.

इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार के उस आदेश को भी खारिज कर दिया.

जिसमें नगर विकास की ओर से सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति की अनुशंसा को वापस लेने का निर्णय लिया गया था.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जब यह मामला कोर्ट में लंबित है तो सरकार इस तरह का निर्णय कैसे ले सकती है.

अदालत ने नगर विकास के उक्त आदेश को निरस्त कर दिया. मामले में स्वप्निल मयूरेश की ओर से

याचिका दाखिल कर कहा गया था कि जेपीएससी की ओर से की गई नियुक्ति में गड़बड़ी

है इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द किया जाए.

रिपोर्ट: प्रोजेश दास

तकनीकी पेंच में फंसा लालू की जमानत

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लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई, जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा

रांची : लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई, जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा- चारा घोटाला

मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने कहा कि,

इस याचिका में कुछ त्रुटियां हैं. जिन्हें दूर किया जाए.

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने सोमवार तक उन त्रुटियों में सुधार करने का भरोसा दिलाया है.

मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.

बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला

मामले में 5 साल की सजा और 60 लाख जुर्माना लगाया है.

डोरंडा कोषागार मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा मिली है और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया है.

लालू समेत सभी 38 अभियुक्तों को सजा मिली है.

सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने 21 फरवरी को लालू समेत सभी अभियुक्तों को सजा सुनाई है. न्यायाधीश एसके शशि बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार तथा रिम्स से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनाई है.

गौरतलब है कि 38 में से दो अभियुक्त लालू प्रसाद यादव तथा डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद रिम्स में भर्ती हैं. वहीं 36 अभियुक्त बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में हैं. लालू प्रसाद तथा डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था रिम्स से की गयी, जबकि 36 अभियुक्तों की पेशी होटवार जेल से की गयी. 15 फरवरी को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुनाया था. रांची के डोरांडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया है. कुल 38 लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया गया है. वहीं तबीयत खराब होने की वजह से लालू प्रसाद यादव रिम्स में एडमिट हैं.

रिपोर्ट: प्रोजेश दास

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बम विस्फोट से दहला भागलपुर, ग्यारह की मौत, एक दर्जन से अधिक घायल

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बम विस्फोट से दहला भागलपुर, ग्यारह की मौत, एक दर्जन से अधिक घायल

भागलपुर: तातापुर थाना क्षेत्र के काजबली चौक पर एक बिल्डिंग में हुए विस्फोट में 11 लोग की मौत और करीब एक दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. मरने वालों में एक मासूम भी शामिल है.

बताया जा रहा है कि यह घटना देर रात की है, धमाका इतना जोरदार था कि कई अगल बगल के कई  मकान भी जमींदोज हो गए. करीबन एक किलोमीटर तक इसकी गुंज सुनी गई. आसपास के मकानों में लगे खिड़की की कांच सड़क पर विखरे नजर आ रहे हैं.

विस्फोट के कारणों  की जानकारी नहीं  मिल पा रही है, अभी पुलिस अनुसंधान में लगी हुई है.

dhamaka

सरकार शराब खोजने में व्यस्त, अपराधी बेलगाम- लोजपा

भागलपुर में हुए बम विस्फोट मामले पर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रवक्ता ने सरकार पर तंज कसा है. चंदन सिंह ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हैं.  प्रतिदिन अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही है. लेकिन सरकार  इससे बेखबर शराब ढूंढने में लगी है.

बढ़ गया है अपराधियों का बोलबाला- कांग्रेस

भागलपुर बलास्ट पर कांग्रेसी  एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने  सरकार पर तंज कसके हुए कहा है कि सरकार का दावा कानून के राज है, लेकिन जमीन पर अपराधी बेलगाम हैं.

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Ukraine Russia War : अब इन देशों के ऊपर से नहीं उड़ सकते रूसी विमान

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Ukraine Russia War : अब इन देशों के ऊपर से नहीं उड़ सकते रूसी विमान

Ukraine Russia War : अब इन देशों के ऊपर से नहीं उड़ सकते रूसी विमान- यूक्रेन में

रूस की ओर से किए जा रहे हमले की वजह से तबाही का मंजर है.

यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों में हमला बोलकर रूसी सैनिक सैन्य ठिकानों को तबाह कर रहे हैं.

बड़ी-बड़ी इमारतों और स्कूलों को भी टारगेट किया जा रहा है.

ऐसे में भारी संख्या में लोग हताहत हो रहे हैं.

यूक्रेन पर हमले के बीच रूस पर दुनिया के कई देशों द्वारा लगातार प्रतिबंध भी लगाए जा रहे हैं.

अमेरिका (America) और यूरोपीय सहयोगी रूस के खिलाफ यूक्रेन (Ukraine) पर

हमला करने के लिए लगातार प्रतिबंधों को बढ़ा रहे हैं. रूस को पूरी तरह से अलग-थलग करने की वैश्वक स्तर पर कोशिश की जा रही है. प्रतिबंधों की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था (Russian Economy) को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

प्रतिबंधों से अलग-थलग पड़ा रूस

यूक्रेन में जंग के बीच व्हाइट हाउस ने गुरुवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आंतरिक सर्कल के लोगों के उद्देश्य से अतिरिक्त वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि यह 19 रूसी एलिट क्लास और उनके परिवार के दर्जनों सदस्यों और सहयोगियों पर यात्रा प्रतिबंध लगा रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा है कि व्लादिमीर पुतिन को अंदाजा भी नहीं है कि इन प्रतिबंधों से रूस को कितना नुकसान होगा. पुतिन को जंग के मैदान में बढ़त मिल रही है लेकिन उन्हें वक्त तक इसकी कीमत चुकानी होगी. बैंकिंग और खेल के मैदान से लेकर हवाई क्षेत्र तक प्रतिबंधों के जरिए रूस पर शिकंजा कसा जा रहा है.

38 देशों ने उड़ानों पर लगाए प्रतिबंध

रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के कई इलाकों को निशाना बनाकर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दुनिया के कई देशों ने रूस को सबक सिखाने के लिए उसके हवाई क्षेत्र को बैन कर दिया है. दुनिया के करीब 38 देशों से रूस ने हवाई संपर्क तोड़ लिया है. यूक्रेन में लड़ाई शुरू होने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन समेत दुनिया के 38 देशों ने अपने हवाई क्षेत्र में रूस की विमानों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस फैसले से रूसी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचने वाला है. साथ ही वो दुनिया के कई देशों से कट गया है. इसका सीधा असर रूस के एविएशन डिपार्टमेंट और इससे संबंधित कंपनियों पर पड़ना तय है. दुनिया की कुल एयरलाइंस में रूस का हिस्सा करीब 6 फीसदी माना जाता है.

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अम्बा प्रसाद विवाद मामले में बाबा मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त किए गए कार्यमुक्त

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Deoghar– अम्बा प्रसाद विवाद – महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त

और बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद के साथ हुए विवाद मामले में अनुमंडल पदाधिकारी दिनेश

कुमार यादव ने मामले की जांच करने के बाद मंदिर प्रबंधक

रमेश परिहस्त को सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया है.

बताते चलें कि महाशिवरात्रि के अवसर पर जल अर्पण करने पहुंची विधायक अंबा प्रसाद के

साथ मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त ने दुर्व्यवहार किया था.

रमेश परिहस्त ने विधायक अम्बा प्रसाद को देख लेने की धमकी दी थी.

विधान सभा में भी इस मामले की गुंज उठी थी. विधायक अम्बा प्रसाद ने इस मामले को विधान सभा में उठाया था.

जिसके बाद विधान सभा अध्यक्ष रविंन्द्रनाथ महतो ने सरकार से संबंधित लोगों पर कार्रवाई का आदेश दिया था.

इस बीच उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने इस मामले में उप विकास आयुक्त ताराचंद को 48 घंटे के अन्दर कार्रवाई

का आदेश दिया था.

इसके बाद परिहस्त को कार्यमुक्त कर दिया गया है.

एमएलसी चुनाव से पहले राजद का बड़ा फैसला, दो नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता

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Patna– राजद ने एमएलसी चुनाव के पहले पार्टी के दो नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखला दिया है.

राजद ने पूर्व विधायक गुलाब यादव और महेश्वर सिंह को 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

दोनों नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगा है.

बता दें कि बिहार विधान परिषद के 24 सीटों के लिए 4 अप्रैल को मतदान किया जाना है.

चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गयी है.

राजद ने भाकपा के साथ सभी 24 सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है.

भाजपा-जदयू ने भी अपने हिस्से की सीटें बांट ली हैं.  गठबंधन के तहत भाजपा के

खाते में 12 सीटें गई हैं, जबकि जदयू के हिस्से में 11 सीटें हैं.

एक सीट पशुपति पारस गुट के राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी को मिली है.

विधान परिषद की इन सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 16 मार्च तक चलेगी.

17 मार्च को नामांकन पत्रों की स्‍क्रूटिनी होगी.  21 मार्च तक उम्‍मीदवार अपना नामांकन

पत्र वापस ले सकेंगे। चार अप्रैल को इन पदों के लिए मतदान कराया जाएगा. सात अप्रैल

को मतगणना कराई जाएगी. नतीजे इसी दिन दोपहर तक मिल जाने की उम्‍मीद रहेगी.

यूं निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को 11 अप्रैल तक समाप्‍त करने की प्रक्रिया निर्धारित की है.

दलित-आदिवासियों की नजर में बिहार बजट, बिहार बजट के आईने में दलित-आदिवासी

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 बिहार बजट के आईने में दलित-आदिवासी

Nawada राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान ने बिहार सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रखे गए बजट को दलित-आदिवासियों के लिए निराश करने वाला बताया है.

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के राज्य समन्वयक धर्मदेव पासवान ने कहा है कि कुल बजट 237691.19 करोड़ रुपये का है, देखने में यह बहुत ही आकर्षक और लोक लुभावन है. लेकिन जब इसका एनालिसिस किया जाता है, स्कीम वाईज समीक्षा की जाती है, तब सच्चाई दूसरी नजर आती है.

इस बजट में एससी के लिए कुल 19688.46 हजार करोड़ का आवंटन किया गया है, जो एससी की आबादी के हिसाब से बढ़कर है, एसटी के लिए 2403.18 करोड़ है, यह भी पिछले बजट से से कुछ ज्यादा है और यह बहुत ही अच्छी बात है..

कोरोना काल में आवंटित राशि का इस्तेमाल दूसरे मद्द में किया गया 

बशर्ते इस राशि का इस्तेमाल दूसरे मद्द में नहीं किया जाय. लेकिन सच्चाई कि कोरोना काल में एससी और एसटी के लिए आवंटित बजट को दूसरे मद्द में खर्च किया गया. यही काम आगे भी हो सकता है. इसके कई उदाहरण मौजूद है. सहकारिता विभाग में 1,57,18,00,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, लेकिन उस राशि का इस्तेमाल गैर वेतन मद्द  में खर्च किया जा रहा है.

तीन वर्षों से नहीं हुआ है छात्रों को पोस्ट मैट्रिक की छात्रवृति का भुगतान 

हजारों की संख्या में दलित-आदिवासी छात्रों को पोस्ट मैट्रिक की छात्रवृति नहीं दी जा रही है. जिसके कारण उनकी शिक्षा बाधित हो गयी. काफी हल्ला हंगामा के बाद सरकार ने एक बार फिर से नया पोर्टल बनवाया.

पिछले तीन वर्षों के लिए लाखों की संख्या में छात्रों ने पोस्ट मैट्रिक की छात्रवृति के लिए आवेदन किया है. अब यदि तीन वर्षों के कुल छात्रों की तुलना इस मद्द में जारी बजट से करें तब सच्चाई सामने आ जाएगी. पिछले वर्ष 116 करोड़ की राशि आवंटित की गई थी जबकि इस बार 110 करोड़ का आवंटन किया गया है और यह बेहद चिंताजनक है.

मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार हेतु वाहन खरीदने के लिए  एक लाख सब्सिडी के लिए आवंटन बढ़ाने की जरुरत थी, सामान्य वर्ग के लिए इस योजना में कुल  55,00,00,000  करोड़ की राशि आवंटित की गयी है, जबकि एससी के लिए 45,00,00,000 करोड़ आवंटित किया है और यह राशि सामान्य वर्ग की तुलना में 30 करोड़ कम है.

बाढ़ सुखाड़ के लिए पिछले वर्ष से कम राशि का किया गया आवंटन

दूसरा प्रमोशन ऑफ़ एग्रीकल्चर मेकानईजेशन सिर्फ 80 हजार दिया है उसी क्रम में बाढ़-सुखाड़ के लिए सिर्फ 8 करोड़ दिया है, जो पिछले बजट से 4 करोड़ 80 लाख कम है.

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता चन्दन चौधरी, नीलम देवी पंचायत समिति सदस्या, रीता देवी मनोज पासवान, वरुण कुमार,ऋतिक कुमार रुक्मिणी कुमारी, मंटू कुमार ,सुरेन्द्र पासवान सरपंच,लकी पासवान भी उपस्थित रहें.

रिपोर्ट- अनिल शर्मा 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वीकारोक्ति, नहीं पता था विदेशी धरती पर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले बिहारी छात्रों का आंकड़ा,बगैर आंकड़ों के ही चलता रहा बिहार सरकार  

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बगैर आंकड़ों के ही चलता रहा बिहार सरकार

Patna-यूक्रेन में फंसे बिहारी छात्रों का मुद्दा भी आज सदन में भी उठा.सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माना कि इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में बिहारी छात्र विदेश की धरती पर मेडिकल की पढ़ाई कर करते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मान कर चलते थें कि कुछ बच्चे विदेशी धरती पर मेडकल की पढ़ाई करते हैं, लेकिन सामने आ रहा आंकड़ा चौंकाने वाला है. अब इस आंकड़ों को देखकर इसका समाधान खोजना होगा , उसकी रणनीतियां बनानी होगी.

यह केवल राज्य सरकार का मामला नहीं है, हम सभी को इस पर विचार करना चाहिए. हमें ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि हमारे बच्चों को  मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश की धरती पर जाना नहीं पड़े.

दरअसल इस मुद्दे पर जेडीयू विधायक डॉ संजीव कुमार और अन्य सदस्यों की तरफ से सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया था. जिसके जवाब में श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि पिछली सरकार के तुलना में केंद्र सरकार काफी संख्या में मेडिकल कॉलेजों को खोलने का काम किया है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने अपनी बात रख रहे थें.

क्या बगैर आंकड़ों के ही बनाया जाता रहा बिहार के विकास की योजनाएं? 

इसके साथ ही अब यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिर विदेशी धरती पर मेडिकल समेत दूसरे विषयों की पढ़ाई करने के लिए जाने वाले बिहारी छात्रों का आंकड़ा बिहार सरकार के पास क्यों नहीं है, सवाल यह भी है कि क्या बगैर आंकड़ों के ही बिहार में विकास की योजनाएं बनायी जाती रही, जब आंकड़ें ही नहीं है, तब विकास की योजनाएं किस प्रकार बनायी जाती रही होगी. फिर योजनाओं का जमीन पर उतरने का दावा किस प्रकार किया जाता रहा है.  क्या सिर्फ कागजी योजनाओं के सहारे बिहार में विकास की बहार बहायी जा रही है. क्या सिर्फ कागजी घोषणाओं को सहारे ही नीतीश कुमार बिहार में 17 वर्ष तक सत्ता पर काबिज रहें.

इधर यूक्रेन में फंसे अभागे छात्र और अपनी जमीन पर लौट गए खुशकिस्मत छात्रों की चिंता  

बता दें कि यूक्रेन और रुस में जारी जंग के बीच  (Russia Ukraine War) बिहारी छात्र लौट रहें हैं,  जंग के बीच यू्क्रेन में फंसे छात्रों के द्वारा अभी भी राज्य सरकार और केन्द्र की सरकार से वापस लाने की व्यवस्था करने की गुहार लगायी जा रही है, केन्द्र सरकार  ने छात्रों की वापसी के लिए ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की है, अब तक हजारों छात्रों को वापस लाया गया है, लेकिन अभी भी हजारों छात्र वतन वापसी की राह देख रहे हैं. इस बीच जंग के बीच एक छात्र की मौत की खबर भी आई है.

छात्र इस बात को लेकर भी चिंतित है कि यह युद्ध कितना लम्बा खिंचेगा, स्थिति कब सामान्य होगी, कब ये छात्र वापस अपनी डिग्री को पूरा करने के लिए वापस जा सकेंगे. यदि युद्ध लम्बा खिंचा तो पढ़ाई में गैप आने के कारण डिग्री बेकार होने का खतरा भी मंडरा रहा है.